...

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दूरियाँ
जमाने गुजर गए
पर वो दूरियाँ न मिटी
तुम्हारे मतलबी शहर और
मेरे निर्मल मन गाँव की
तुम्हारे AC वाली ठंढक और
मेरे पीपल के छाव की
तुम्हारे गाडियों के शोर और
मेरे कोयल के कुक की
तुम्हारे रोज बदले यार और
मेरे सात जनमो के प्यार की
तुम्हारे धूल के आँधी की
मेरे बगीचों के बसंती बहार की


© eternal voice नाद ब्रह्म