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आज का दिन

क्यों मनाते हैं, क्या मनाते हैं हम ? मानव को, देव बनाने, 'देव' मानव बन, जन्मे थे, गांधी के नाम भू पर। इसी से गांधी जयंती मनाते हैं आज।
अदने से आदमी का अस्तित्व रखने, श्रेयो-राज्य की बुनियाद, मजबूत बनाने, अवतरित हुए महात्मा इसी दिन। इसी से दो अक्तूबर बना जयंती दिन ।
आजका दिन मानवताराधकों को, एक बहुत बड़ा ही त्योहार है। पीडकों, पालकों, लकीर के फकीरों को तो, एक बड़ा ही बाधक दिन है।
एक कांति किरण फूट पड़ी, जो आज आत्मा को छूती है। अपनी शक्ति, अपने श्रम को ही, सुख का मूल मन्त्र बताती है।
इस जयंती की स्फूर्ति से, विश्व शांति फैलानी है हमें। इस जयंति-प्रदत्त आत्म शक्ति से, सत्य का अमरत्व जान लेना हमें।
उस कर्मयोगी के जीवन से, भाग्य के नाम, अकर्मण्यता न सीखें। भाषा तथा धर्म के नाम कभी न लड़ें। जन-जीवन का मर्म समझ, सुधारें उन्हें ।
हम जयंतियाँ अनेकों मनाते हैं। पर पीडितों का भाग्य खुला नहीं है। अवश्य मार्ग इसका ढूँढ़ना है, जिस पर देश की आन एवं श्रेय निर्भर है।
© Kushi2212