स्वीकार
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
ना जाने कितनो मे तुलते है रिश्ते
कही हैसियत पे तो कभी रंग रूप
के तराजू मे तुलते है रिश्ते
दिल से दिल तक का वो दौर नहीं
बराबरी के हिस्सेदारी से जुड़ते है रिश्ते
कोई दिल से स्वीकार कर बस संग
साथ ले चलता है
तो कोई कितने पैसो और गहनो मे लाद
ले चलता है
priyanka sahu
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
ना जाने कितनो मे तुलते है रिश्ते
कही हैसियत पे तो कभी रंग रूप
के तराजू मे तुलते है रिश्ते
दिल से दिल तक का वो दौर नहीं
बराबरी के हिस्सेदारी से जुड़ते है रिश्ते
कोई दिल से स्वीकार कर बस संग
साथ ले चलता है
तो कोई कितने पैसो और गहनो मे लाद
ले चलता है
priyanka sahu