wo kahti hai..
वो कहती हैं तुम्हारे बिन कहीं मै जी नही सकती,
बड़ा तीखा जहर है ये कभी मै पी नही सकती,
बहुत सोचा की काटू रात को तन्हा तेरे बिन भी,
तेरी यादें हैं ये आँखों से कभी ओझल नही होती।
वो कहती है तुम बिन जीना दुश्वार है ,
तुमको देखने को दिल बेकरार है ,
तुममे मिल जाने का बस अब इंतजार है ,
बिन तुम्हारे बड़ा ही कठिन है सफर ,
मिल रही है न अब भी...
बड़ा तीखा जहर है ये कभी मै पी नही सकती,
बहुत सोचा की काटू रात को तन्हा तेरे बिन भी,
तेरी यादें हैं ये आँखों से कभी ओझल नही होती।
वो कहती है तुम बिन जीना दुश्वार है ,
तुमको देखने को दिल बेकरार है ,
तुममे मिल जाने का बस अब इंतजार है ,
बिन तुम्हारे बड़ा ही कठिन है सफर ,
मिल रही है न अब भी...