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अभी काम बहुत है
भीगी हे पलकें उदास हे चेहरा
खुद की कमाई हुई रोटी खाने के बाद भी लगता है थकान बहुत है
सुबह चाय की चुस्की लेने के बाद भागने लगता हु ,
अपनी कमाई हुई रोटी खाने के लिए भी सोचता हु थोड़ा रुक के खाऊं अभी काम बहुत है।
© मेरे शब्द मुफ्त के हे क्युकी इनकी सही कीमत कोई नही लगा सकता है ।
खुद की कमाई हुई रोटी खाने के बाद भी लगता है थकान बहुत है
सुबह चाय की चुस्की लेने के बाद भागने लगता हु ,
अपनी कमाई हुई रोटी खाने के लिए भी सोचता हु थोड़ा रुक के खाऊं अभी काम बहुत है।
© मेरे शब्द मुफ्त के हे क्युकी इनकी सही कीमत कोई नही लगा सकता है ।
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