...

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अभिव्यक्ति का सुख
बाढ़ जब आ जाए
मन में अनेक द्वंद्वों का
उसे बाहर बहा देना
धीरे से सरका देना
मन को कर लेना खाली
और भर लेना हरियाली
शुद्ध सकारात्मक विचारों का
अपने अंदर छुपे शैलाबों का
उसमें चमक रही बूंदों का
खुद की आत्मा में छुपे हीरे का
फिर जीवन में सावन आएगा
आकर हरा भरा कर जाएगा
तुम्हारे इस सूखे जीवन में
जो बांट दिया है तुम्हे खुद से
जो बांट दिया है तुम्हे उनसे
जिनसे तुम पहले जुड़े थे