जय श्री राम
हाइकु 5-7-5
जय श्री राम
झुकूँ नतमस्तक
तुझे प्रणाम
हृदय धनी
आदर्शो का भंडार
मैं तेरा प्रेमी
मुस्कुराना हो
तेरा तो क्रोध छटे
पर्वत झुके
तेज है तेरा
हो उजाला सवेरा
जन कल्याण
© Karan
जय श्री राम
झुकूँ नतमस्तक
तुझे प्रणाम
हृदय धनी
आदर्शो का भंडार
मैं तेरा प्रेमी
मुस्कुराना हो
तेरा तो क्रोध छटे
पर्वत झुके
तेज है तेरा
हो उजाला सवेरा
जन कल्याण
© Karan
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