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एक शाम खुद के नाम ✨💫🍀😍👑
इस शाम को क्या नाम दूँ..
खोये हुए रिश्तों को कैसे संभालूँ..
जहाँ खुद को खो दिया था उसे कैसे पाऊँ..
जो वक्त जो लम्हा जो यादें सबकुछ हुआ करती थीं..
वो सब एक पल में कैसे पा लूँ..
खुद को शुरू से शुरू किया था..
अब सबकुछ एक पल में कैसे पा लूँ..
खुद को खुद से कैसे शुरू करूँ..
जहाँ मैं खुद में मशगूल खुद में समाई हुई थीं..
अब उस खोये हुए साज को कैसे पाऊँ..
जो वक्त था सबकुछ एक सुबह की तरह..
वो वक्त न रहा एक शाम की तरह..
जो था मेरा सब एक सवेरे की तरह..
वो सब ढल गया शाम की तरह..
वक्त की पनाह में सबकुछ बिखर गया..
खुद भी खुदा भी..
बस रह गया
एक बिखरा हुआ साज
टूटा हुआ तारा
रह गया बस
एक ढलती शाम का तारा
उगते सूरज का आसमां
by क्षमा सैनी 😎👑
@kshamasaini
खोये हुए रिश्तों को कैसे संभालूँ..
जहाँ खुद को खो दिया था उसे कैसे पाऊँ..
जो वक्त जो लम्हा जो यादें सबकुछ हुआ करती थीं..
वो सब एक पल में कैसे पा लूँ..
खुद को शुरू से शुरू किया था..
अब सबकुछ एक पल में कैसे पा लूँ..
खुद को खुद से कैसे शुरू करूँ..
जहाँ मैं खुद में मशगूल खुद में समाई हुई थीं..
अब उस खोये हुए साज को कैसे पाऊँ..
जो वक्त था सबकुछ एक सुबह की तरह..
वो वक्त न रहा एक शाम की तरह..
जो था मेरा सब एक सवेरे की तरह..
वो सब ढल गया शाम की तरह..
वक्त की पनाह में सबकुछ बिखर गया..
खुद भी खुदा भी..
बस रह गया
एक बिखरा हुआ साज
टूटा हुआ तारा
रह गया बस
एक ढलती शाम का तारा
उगते सूरज का आसमां
by क्षमा सैनी 😎👑
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