...

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सत्य
सत्य बोलकर बनें हरिश्चंद्र ,
हम सच्चे इंसान बनें ।
छोटे बनकर मिलें सभी से,
नदिया से एकसमान बनें ।
सच्चाई का साथ सदा ही,
घर-बाहर-परिवार में दें।
निर्भय रहकर बात करें,
यथा उचित सम्मान करें ।
बुरी अधिकता होती है,
पर सच्चाई की कभी नहीं।
साथ व साथी और मिलेंगे,
अच्छाई की कमी नहीं।
प्रभु से बस वरदान ये माँगें,
हम सच्चरित्र-महान बनें,
राष्ट्र-धर्म का मान बढ़ाएँ ,
ऋषियों की संतान बनें॥
© drajaysharma_yayaver