...

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खौफजद भी न होते
हर बार मुहोब्बत, ख्याली न होते,
अब ये शहर, इश्क से खाली न होते ।

जुनूं सा है फैला अभी इस जहां में,
सौ इश्क भरे दिल, ये खाली न होते ।
©®@Devideep3612
नोटों से छपते है, इश्के गलियारे,
उसुल इनके फिर भी, जाली न होते ।

गज़ले मुहोब्ब्त ये गा ले हजारों,
जुबां पर जो इनके ताले न होते ।
©®@Devideep3612
तिफ्ल सा "देवी" इबादत है करना ,
मगर "दीप" उनके जलें तब न होते ।
(तिफ्ल = शिशु)

रहमों करम पर फिदा जीने वाले,
दिल में खुदा के खौफजद भी न होते ।
©®@Devideep3612