सियासत का कचरा
जो मन में पाप रखता है
वो पावन हो नहीं सकता
गुलों के साथ रह कर भी
वो चंदन हो नहीं सकता
सियासत में जो कचरा है
वो कंचन हो नहीं सकता
किसी को क्या...
वो पावन हो नहीं सकता
गुलों के साथ रह कर भी
वो चंदन हो नहीं सकता
सियासत में जो कचरा है
वो कंचन हो नहीं सकता
किसी को क्या...