"सुना है कि आज आजादी का दिवस है..?
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ये आजादी आज खुशी मनाने की नही बल्कि उन हस्तियों को,
याद करने की है जिनकी वजह से ये दिन अस्तित्व में आया है,
ये आजादी आज उनके घरों में मातम फैल जाने की है..
जिनके अपने घर के चिराग का एक कतरा भी घर वापस ना लौट पाया था,
किसी की गोद खाली रही...किसी की राखी छुट गयी,
किसी मांग मिटी तो....किसी की आंगन खेलती बिटिया,
बस इंतजार करती रह गयी,
गर्व बड़ा होगा उस शहीद के पिता को,
की...बेटा कुर्बानी दिये चला...
ये आजादी आज खुशी मनाने की नही बल्कि उन हस्तियों को,
याद करने की है जिनकी वजह से ये दिन अस्तित्व में आया है,
ये आजादी आज उनके घरों में मातम फैल जाने की है..
जिनके अपने घर के चिराग का एक कतरा भी घर वापस ना लौट पाया था,
किसी की गोद खाली रही...किसी की राखी छुट गयी,
किसी मांग मिटी तो....किसी की आंगन खेलती बिटिया,
बस इंतजार करती रह गयी,
गर्व बड़ा होगा उस शहीद के पिता को,
की...बेटा कुर्बानी दिये चला...