...

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ऐ हवा
ऐ हवा तू मुझे छूकर, उसके पास जा,
और उसे मेरे निश्चल स्पर्श का एहसास दे,
उसके गालों को छूकर, होंठों को हंँसने का पेगाम दे,
कुछ इस कदर चल तू ऐ हवा कि उसके हर खुशी के पल को बस मेरा ही तू नाम दे।

© dinesh@M