...

8 views

फर्क
अब बहुत फर्क नही मेरे होने न होने मे
कोई फर्क नही .....
ये सोच मुस्कुरा लेती हूँ
के अब तलक कितनी मसरूफ थी मै दूसरो को पाने की कोशिश मै
खुद को खोने मे
कितना फर्क है ना
दूसरो की तलाश या खुद ब खुद खुद से दूर होने मे
ये सोच मुस्कुरा लेती हूँ
अब भी बाकी हूँ कही खुद ही खुद मे अपने असल वजूद मे, दिल के किसी कोने मे ।
अब बहुत फर्क के कया फर्क पड़ता है
मेरे होने न होने मे ।
कोई फर्क नही .....


© Meenakshi ___ मीशा✒️