...

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मौका मत देना।
खुद को कब, कहां कैसे खो दें,
कोई फरोसा नहीं, जिंदगी छोटा है।
जब हम हमेशा केलिए अलविदा कहें
तब बोलने केलिए कुछ नहीं मिलते।

छोटा या बड़ा, जो कहना है, बोल दो,
तभी बोल दो, जब वो सवाल बनें।
कुछ वक्त जीतें भी कुछ बोल नहीं सकते,
यादाश चलें तो! मस्तिष्क का दौरा पड़ा तो?

इसलिए जो काम आज करना है वो
कल केलिए छोड़ना मत, कुछ भी हो,
वो अधूरा काम केलिए पछताना न पड़ें
और किसीको झूट कहने का मौका ना दें।।
© avn