...

2 views

कर्मफल भोगना ही पड़ता है
श्री रमण महर्षि के पास एक शिष्य गया और पूछने लगा- गुरुदेव हमें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?
तो रमण कहने लगे- कर दी ना उल्टी बात ! दूसरों के साथ तो कोई कुछ करता ही नहीं, हम जो भी करते हैं खुद के साथ ही कर रहें होते हैं, क्योंकि अंतिम परिणाम तो हमें ही भोगने होते हैं, जिस भाव से हम दूसरों को पीड़ा पहुँचाते हैं, तो ध्यान रहें पीड़ा सदैव पीड़ित व्यक्ति से ही निकलेगी, ज्ञानी से ज्ञान निकलता है, और पीड़ित से पीड़ा ।
© 🌍Mr Strength