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तलाश ..
मैं उस बेरंग शाम सी
जिसे तलाश तुझसी पावन रोशनी की ।
मैं उस ना मिटी प्यास सी
जिसे तलाश तुझ जैसे शीतल झरने की
मैं उस बेतुक राग सी
जिसे तलाश तुझ जैसी सुर भरे सागर की ।
मैं उस तपती धूप सी
जिसे तलाश तुझसी निर्मल छाया की ।
मैं उस गुमनाम राह सी
जिसे तलाश तुझ जैसी मंजिल की ।
मैं उस अधूरे ख्वाब सी
जिसे तलाश तुझ जैसी हक्कित की ।
मैं उस उलझे सवाल सी
जिसे तलाश तुझ जैसे सरल जवाब की ।
मैं उस अधूरे गीत सी
जिसे तलाश तुझसे पूरे मीत की ।
मैं उस पगली जोगन सी
जिसे तलाश तुजसे श्याम की ।।
Kajal Pathak..
© All Rights Reserved
जिसे तलाश तुझसी पावन रोशनी की ।
मैं उस ना मिटी प्यास सी
जिसे तलाश तुझ जैसे शीतल झरने की
मैं उस बेतुक राग सी
जिसे तलाश तुझ जैसी सुर भरे सागर की ।
मैं उस तपती धूप सी
जिसे तलाश तुझसी निर्मल छाया की ।
मैं उस गुमनाम राह सी
जिसे तलाश तुझ जैसी मंजिल की ।
मैं उस अधूरे ख्वाब सी
जिसे तलाश तुझ जैसी हक्कित की ।
मैं उस उलझे सवाल सी
जिसे तलाश तुझ जैसे सरल जवाब की ।
मैं उस अधूरे गीत सी
जिसे तलाश तुझसे पूरे मीत की ।
मैं उस पगली जोगन सी
जिसे तलाश तुजसे श्याम की ।।
Kajal Pathak..
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