...

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मुझे जवाब दो..
किस के लिए था मेरा यूं रातों में जागना,
क्यों चाहता था दिल ये मेरा तेरे साथ ही वक्त काटना ,

क्यों तेरी खुशी में मुझे खुशी मिलती थी,
तेरे साथ होने पर इन सांसों में अलग सी हलचल होती थी,

मुझे मेरी मोहबत का तुम हिसाब दो,
जाते हुए मेरे इन सारे सवालों का जवाब दो,


क्यों ढूंढती थी आंखे हर दफा तुझको ,
क्यों तेरे बिना आता था ना चैन मुझको ,

क्यों हर पल तेरे ख्वाब संजोया करता था,
क्यों हर पल तेरी यादों में खोया रहता था ,

मेरे दिल की धड़कन पर क्यों काबू ना मेरा था,
खुद को खो बैठा क्यों ऐसा जादू तेरा था,

क्यों हर पल तेरे नशे में ही मदहोश रहता था,
क्यों तेरे बिना मैं इतना खामोश रहता था,

क्यों खुद से ज्यादा फिक्र तेरी मैं करता था,
क्यों हर दुआ मैं बस तेरा जिक्र करता था,

क्या थी वजह जो बदल लिया मैंने खुद को था,
क्यों साथ तेरे ये आया गुमान मुझको था,

क्या करना है बाद तेरे ये बता दे तू,
कैसे संभालु इस दिल को ये समझा दे तू,

किसी पागल की तरह इंतज़ार क्या तेरा करना है,
इस " साहेब " की तरह तुझकों लफ्जों में भरना है,


© Ashish panwar (साहेब)