...

4 views

भरोसा एक दूजे का...
शुरू किये थे जो किस्से हमने,
थामे हाथ एक दूजे का,
अभी तो है बस कुछ बरस ही बीते,
भूल गए है साथ एक दूजे का,
मेहनत से कमाए थे अरमानों से सजाये थे,
खुशियों का घर एक दूजे का,
अभी तो है बस कुछ बरस ही बीते
की घर में कमरे बँट गए एक दूजे का,
चलो भुला देते है जो बीत गए पल,
लिखते है नया साथ एक दूजे का,
चलते हैं दूर कहीं हम इस उलझन से,
जहाँ हो ना पता हमें एक दूजे का,
चलो मिलते है फिर से,
करते कुछ वादे है फिर से,
बचा जो है जीवन,
सजा लेते है उसे फिर से,
कर लेते है भरोसा फिर से एक दूजे का_!!
© दीपक