निराशा
जान बचा ले तो भगवान है!
नहीं तो शैतान था... और शैतान है
फीस भी मांग ले अपनी
तो लुटेरा है,
जैसे उसको भीख में मिलता,
रोटी कपड़ा और मकान है!
कितना कुछ खोकर भी
आपको हिम्मत बंधाता रहे,
ये तो उसका फर्ज है न...
कौन...
नहीं तो शैतान था... और शैतान है
फीस भी मांग ले अपनी
तो लुटेरा है,
जैसे उसको भीख में मिलता,
रोटी कपड़ा और मकान है!
कितना कुछ खोकर भी
आपको हिम्मत बंधाता रहे,
ये तो उसका फर्ज है न...
कौन...