तुम
हमें नहीं आती शायरी करनी,
तुम हो पास तो पूरी गजल लिख ले।
सर्दी की ठिठुरन में अलाव हो तुम,
गर्मी की लू में प्यास हो तुम।
मौसम तो बदलते रहते हैं,
ना बदले वो आस हो...
तुम हो पास तो पूरी गजल लिख ले।
सर्दी की ठिठुरन में अलाव हो तुम,
गर्मी की लू में प्यास हो तुम।
मौसम तो बदलते रहते हैं,
ना बदले वो आस हो...