नारी
नर को जन्म देती जगत मे नारी है
फिर भी न जाने क्यों कहलाती बेचारी है
धुरी परिवार की बनकर अपना धर्म निभाती है
हर सदस्य की कटु वाणी को सहज हो सह जाती है
मुस्कुरा कर करती रहती सभी की जरुरत पूरी
अपनी...
फिर भी न जाने क्यों कहलाती बेचारी है
धुरी परिवार की बनकर अपना धर्म निभाती है
हर सदस्य की कटु वाणी को सहज हो सह जाती है
मुस्कुरा कर करती रहती सभी की जरुरत पूरी
अपनी...