याद आया,,,
आज फिर हर बात पर रोना याद आया
जाने क्या बात है, फिर तुझको खोना याद आया
यूं तो सो जाता हूं अब खुद में ही सिमट कर मैं
पर, हर करवट पर तेरा पास होना याद आया
अब बस मेरी ही सांसों का शोर है मेरे घर में
इन तंहा लम्हे में तेरी पायल का होना याद आया
इस उजड़े आंगन में,कभी बस्ती थी तेरी खुशबू
कोने-कोने में तेरा यादों को बोना याद आया
© char0302
जाने क्या बात है, फिर तुझको खोना याद आया
यूं तो सो जाता हूं अब खुद में ही सिमट कर मैं
पर, हर करवट पर तेरा पास होना याद आया
अब बस मेरी ही सांसों का शोर है मेरे घर में
इन तंहा लम्हे में तेरी पायल का होना याद आया
इस उजड़े आंगन में,कभी बस्ती थी तेरी खुशबू
कोने-कोने में तेरा यादों को बोना याद आया
© char0302
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