...

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अंर्तमन में छुपा प्रेम
#AnticipatingLove
मचल रहा ये कौन आ दिल में मेरे
जला रहा बुझे जज्बातों को
पहनकर इक नया चेहरा

चेहरा ऐसा जिसमें छुपि सूरत सच्ची सी
जो रंगों लकीरों की मोहताज भी ,,नहीं
प्रेम की बरसातें जेहन में बिखरी हर कही
आशिकी के ये अल्फाज़ हैं ऐसे
और कहीं उभरते भी नहीं

इस तप्त धरातल पर तू
खुशबू के मानिंद आ उभरती है
मिटा जाती हस्ती मेरी
हर कहीं बस तू ही रह जाती है....।
© सुशील पवार