...

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अनिकेत
प्रेमयुक्त रस्मों का पाश! मुझे बांध ले अनिकेत
मै बिखर ना जाऊं दृग से! मुझे समेट अनिकेत
परिभाषाओं, अभिलाषा, से परित्यक्त अनिकेत
स्पंदन में हृदयों के जीवित, अभिव्यक्त अनिकेत
मत प्रयास कर मेरा अस्तित्व, तेरा हृद अनिकेत
कारण,कर्ता,कर,का केवल कल कल मैं अनिकेत
तेरे मेरे हृदयों का संबल, प्रतिपल मैं अनिकेत
प्रेमयुक्त रस्मों का पाश! मुझे बांध ले अनिकेत
मै बिखर ना जाऊं दृग से! मुझे समेट अनिकेत
कर्महीन पर कर्मों का कर! कर्ता अनिकेत
शब्दहीन पर शब्दों की अन! धर्ता अनिकेत
भावहीन पर भावों का जीवित कवि अनिकेत
शीतल शशि सा, ज्वलंत तीव्र! रवि अनिकेत
नियत नियति में रत घृत, काष्ठ! हवि अनिकेत
प्रेमयुक्त रस्मों का पाश! मुझे बांध ले अनिकेत
मै बिखर ना जाऊं दृग से! मुझे समेट अनिकेत

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