खामोशियां
ये खामोशियां जब छाती हैं वीरानियां सी बढ़ा जाती हैं।
हो कुछ पल की या अरसे की जीवन नीरस सा बना जाती हैं।
शांत बनो चिंतन करो आत्म मनन कर सरल रहो
खामोश रहकर चुपके से मन की दुविधाओं में मत वृद्धि करो।
मधुर वाणी का वरण कर सुंदर बात करते...
हो कुछ पल की या अरसे की जीवन नीरस सा बना जाती हैं।
शांत बनो चिंतन करो आत्म मनन कर सरल रहो
खामोश रहकर चुपके से मन की दुविधाओं में मत वृद्धि करो।
मधुर वाणी का वरण कर सुंदर बात करते...