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सम्बन्ध वही जो मुक्त करे
सम्बन्ध की परिभाषा जो आजतक हमने सुनी और पढ़ी है वह यही है कि सम्बन्ध वही है जो एक- दूसरे को बांधे,बन्धन में रखे, लेकिन बांधने से कभी कोई सम्बन्ध विकसित नहीं हुआ, किसी को बांधने से बल्कि लोगों के मन में घृणा और ईर्ष्या जन्म लेने लगी है ,कोई बंधना नहीं चाहता, सबके जीवन की एक अपनी स्वतंत्रता होती है, सबके जीवन का एक अलग निर्णय होता है, लेकिन ज्ञानीजनों ने सम्बन्ध को थोड़ा अलग तरह से परिभाषित किया, ज्ञानीजन कहते हैं "सम्बंध वही है जो मुक्त करे" अगला आदमी तुम्हारी वजह से बंधे न बल्कि स्वतंत्र निर्णय लेने वाला बन सके, यही टिकाऊ सम्बंध है||
© ◆Mr Strength

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