...

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मैं
मैं अपनी सच्चाई के साथ रहूंगी।
तू बस अपना प्रपंच संभाल।
मैं इन राहो पर खुद चलूंगी।
तू मुझे गिराने के अवसर संभाल।
तू कहता है खुद को मेरा हितेषी
और करता है बात मेरी भलाई की
तुझे तो आज भी तकलीफ है मेरे
मेरे अपने हिस्से की जीने में।
तू बस देख और देख।
मैं अपने खाबों को पंख लगाउंगी।
तू अपना परपंच संभाल।
मैं अपनी सच्चाई दिखाउंगी।