छुप छुपकर बहुत रोये हैं हम...
जाने कितने ख्वाब बसे थे इन आँखों की गहराई में
सबके सब खानाबदोश हो गए तेरी-मेरी लड़ाई में
तेरी यादों के साये में छुप छुपकर बहुत रोये हैं हम
महफ़िलें भी रास...
सबके सब खानाबदोश हो गए तेरी-मेरी लड़ाई में
तेरी यादों के साये में छुप छुपकर बहुत रोये हैं हम
महफ़िलें भी रास...