...

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मेरे ये शब्द .....
तुम यहां जो आए
इतफाक है ... ये सिर्फ
शब्द नही मेरे जज़्बात है
वो फूल जो किताब के
आखिरी पन्ने पर मिला तुम्हे , सूखा
हुआ गुलाब है
तुम्हारे लिए बेशक , उसका
कोई मोल नही पर मेरे
लिए बहुत ख़ास है ......
उसकी खुशबू में तुम्हारा
एहसास है , ओर तुम्हारे
साथ बिताई हर याद है
हां ये यादें बहुत तकलीफ
देती हैं मुझे , पर फिर भी
आज तक मेरे पास है .....
क्युकी उस दर्द में ही कही
ना कही मुझे मेरे सुकून की
तलाश है .....…🖤




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