बेज़ुबान माँ
बेज़ुबान माँ
क्या गलती थी मेरी की जो
मैंने तुम पर विश्वास किया
क्यों मेरे बच्चे को तुमने
इस दुनिया में आने ना दिया
क्या बिगाड़ा किसी का हमने
जो ऐसा सुलूक हमसे है किया
बस खाना ही तो मांगा था
उसके बदले ज़हर दिया
इंसानियत मर गई तुम्हारी
जो तुमने ऐसा पाप किया
वैसे पूजते हो...
क्या गलती थी मेरी की जो
मैंने तुम पर विश्वास किया
क्यों मेरे बच्चे को तुमने
इस दुनिया में आने ना दिया
क्या बिगाड़ा किसी का हमने
जो ऐसा सुलूक हमसे है किया
बस खाना ही तो मांगा था
उसके बदले ज़हर दिया
इंसानियत मर गई तुम्हारी
जो तुमने ऐसा पाप किया
वैसे पूजते हो...