कबतक
बिंच रास्ते में फिर भटक सी गई हूं
खुद को जैसे भूल सी गई हूं
जिंदगी में कुछ कमी सी है
जानती हूं फिर भी जैसे गुंम हो गई हूं ।
कहना चाहती हूं बोहूत कुछ
लेकिन किससे कहूं पता नहीं
बयां करना...
खुद को जैसे भूल सी गई हूं
जिंदगी में कुछ कमी सी है
जानती हूं फिर भी जैसे गुंम हो गई हूं ।
कहना चाहती हूं बोहूत कुछ
लेकिन किससे कहूं पता नहीं
बयां करना...