...

47 views

'चाहता हूँ'
'चाहता हूँ'
मुझे पता है मुझे कोई नहीं मिलने वाला है लेकिन सबको थोड़ा-थोड़ा मिलना चाहता हूँ...
जब तक हूँ तब तक तो साथ ही रहूँगा मैं लेकिन जाने के बाद भी सबके साथ रहना चाहता हूँ...
जब कोई याद करें मुझको बस मुस्कान ही आए चेहरे पर सबके ऐसी कोई वजह बनना चाहता हूँ...
था कोई बड़े दिलवाला जो हँसकर गम अपने भूला दिया करता था बोले हर कोई इतना चाहता हूँ...
गम तो नही है हाथ में मेरे सबके लेकिन सबके होठों पर खुशियों का क़ीमती नूर लाना चाहता हूँ...
सबको पल दो पल ही सही लेकिन उनके इंतज़ार के मुकम्मल हसरत को जीने की सहर चाहता हूँ...
जानता हूँ कुछ अजीबोगरीब है हसरतें मेरी लेकिन इन अजीबोगरीब हसरतों को क़ामिल चाहता हूँ...
आएँगे मेरे बाद भी महफ़िल में मेहरबा कई लेकिन मुदत्तों याद रखा जाने वाला नाचीज़ बनना चाहता हूँ...
करना चाहें जो बाद मेरे मुझको सभी फक्र हो ख़्याल भर से भी मैं ऐसा हासिल बनना चाहता हूँ...
जिस कल की लोग बरसों बस ख़्वाहिश करें...