संवाद
आज आकाश काफी उदास दिखा क्योंकि आज परिंदो ने उड़ान भरी ही नहीं थीं
तभी सफ़ेद बगुलो क़ी कतार उसे उड़ती हुई दिखी और अब आकाश बेहद प्रसन्न दिख रहा था
बूद और सागर के बींच एक संवाद सतत चलता रहा था.
उड़ते बादलों ने ये संवाद सुन लिया है और अब वो बूंदो क़ो सागर पर उतारने का मन बना रहा था
तभी सफ़ेद बगुलो क़ी कतार उसे उड़ती हुई दिखी और अब आकाश बेहद प्रसन्न दिख रहा था
बूद और सागर के बींच एक संवाद सतत चलता रहा था.
उड़ते बादलों ने ये संवाद सुन लिया है और अब वो बूंदो क़ो सागर पर उतारने का मन बना रहा था
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