...

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असाधारण हूं 🙃
सुनो.! मैं आम आदमी नहीं हूँ, एक नया इतिहास-कहानी हूँ,
लो तुम बन जाओ दरिया-समंदर, कि मैं तो बहता पानी हूँ,
सुनो.! मैं आम आदमी नहीं हूँ...

मेरा मुकम्मल जहां मेरे सपने मंजिल और इरादे,
प्यार-इश्क़-मुहब्बत मेरी दोस्ती वफा के वादे,
मैं मिलूँगा यारा-दिलवर, मैं कोई अभिमानी नहीं हूँ,
सुनो.! मैं आम आदमी नहीं हूँ...

आटे-चावल-दाल के भाव में मुझको नहीं पड़ना है,
ज़र-ज़ोरू-ज़मीन के लिये मुझको नहीं...