...

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क्या मुझको रोकेंगे
मैं लहर सी बहने वालीं मुझे कंकड क्या रोकेंगे
मिलने दो उन टुकड़ों को भी उन्हें अपने साथ बहा लेंगे
रफ़्ता -रफ़्ता चलने लगे हम दरिया बनके बहने लगे मैं लहरों सी बहने बाली मुझे कंकड क्या रोकेंगे
जितनी भी मुसीबतें आ जाए........
मुश्किलों का दौर बाँध बन जाए
उस बाधा से भी निकलेंगे
मैं लहरों सी बहने वाली मुझे कंकड क्या रोकेंगे
© sk meena😊