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क्यू लोक दिखाई करते हो
तुम सुनी सुनाई कहते हो
कुछ अपनी बनाई कहते हो
गर समझ सको तो समझो तुम
जो खामोश बनकर बैठा हे
आंखों से बहुत कुछ कहता है
जो उसकी बुराई करते हो
जो लोक हंसाई करते हो
वो मर रहा हे घुट घुट कर
क्यू इतनी बुराई करते हो
जो बन न सको हमदर्द जो तुम
क्यू लोक दिखाई करते हो
© मेरे शब्द मुफ्त के हे क्युकी इनकी सही कीमत कोई नही लगा सकता है ।
कुछ अपनी बनाई कहते हो
गर समझ सको तो समझो तुम
जो खामोश बनकर बैठा हे
आंखों से बहुत कुछ कहता है
जो उसकी बुराई करते हो
जो लोक हंसाई करते हो
वो मर रहा हे घुट घुट कर
क्यू इतनी बुराई करते हो
जो बन न सको हमदर्द जो तुम
क्यू लोक दिखाई करते हो
© मेरे शब्द मुफ्त के हे क्युकी इनकी सही कीमत कोई नही लगा सकता है ।
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