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जिंदगी चल रही हैं
जिंदगी की चल रही हैं
जिंदगी चल रही हैं अपने ही ढंग से
कभी काटों से भरे रेगिस्तान से
तो कभी फूलों से भरे बगियान से
जिंदगी चल रही हैं अपने ही ढंग से
कभी भरी हैं खामोशियों के सनाटो से
तो कभी गरज रही हैं चमचमाती बिजली से
जिंदगी चल रही हैं अपनें ही ढंग से
कभी दोस्त बनकर समझाती हैं
तो कभी गुरु बनकर डांट भी लगती हैं
ये जिंदगी मुझे नये नये रंग दिखा रही हैं
कभी हार तो कभी जीत का अनुभव करा रही हैं
जिंदगी चल रही हैं अपने ही ढंग से
कभी काटों से भरे रेगिस्तान से
तो कभी फूलों से भरे बगियान से
जिंदगी चल रही हैं अपने ही ढंग से
कभी भरी हैं खामोशियों के सनाटो से
तो कभी गरज रही हैं चमचमाती बिजली से
जिंदगी चल रही हैं अपनें ही ढंग से
कभी दोस्त बनकर समझाती हैं
तो कभी गुरु बनकर डांट भी लगती हैं
ये जिंदगी मुझे नये नये रंग दिखा रही हैं
कभी हार तो कभी जीत का अनुभव करा रही हैं
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