खत
ख़त तुम्हारे नाम के हैं
लेकिन तुम्हारे घर का पता नहीं
दिल में बातें तो बहुत हैं
पर अब हमारा कोई वास्ता नहीं
हमारे दरमियां की बातचीत
रोज़ ख़त में अब लिखता हूं
ख़त...
लेकिन तुम्हारे घर का पता नहीं
दिल में बातें तो बहुत हैं
पर अब हमारा कोई वास्ता नहीं
हमारे दरमियां की बातचीत
रोज़ ख़त में अब लिखता हूं
ख़त...