बाकी है!!
जमीन बिक चुकी हे
बिकने को बस आसमान बाकी है
वो जिनकी छत्त टपकती है भारी बरसात में
उनके ही सीने में बस ईमान बाकी है!!
दो वक़्त की रोटी भी किस्मत...
बिकने को बस आसमान बाकी है
वो जिनकी छत्त टपकती है भारी बरसात में
उनके ही सीने में बस ईमान बाकी है!!
दो वक़्त की रोटी भी किस्मत...