...

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कुछ अपना सा ढूंढ रहा हूं मैं.....
क्या बताऊं तुमसे क्या क्या छिपाया है मैने
बस एक हंसता सा चेहरा ही तुम्हे दिखाया है मैंने
में कमजोर नहीं बस मेरे होंसलो को पंख नही मिले
दर्द को जिया हमेशा और दर्द को ही पाया है मैंने
क्या बताऊं तुमसे

शिकायत बहुत है मगर कोई सुनने वाला नहीं है
दिल के बिखरे पड़े टुकड़े कोई चुनने वाला नही है
बुनने वाला नही है ख्वाब तो कई रातों पे उधार है
इंतजार मे खुद बा खुद सो गई आंखे खुद को कहां प्यार से कभी सुलाया मैने
क्या बताऊं तुमसे

कभी तो खुल कर जीने की हिम्मत मिली होती
कभी तो भारी पलको को आंसुओ की कीमत मिली होती
हां किस्मत मिली होती तो तन्हा में हम भी बांटते मोहब्बत
नाराज हैं शायद मोहब्बत योगेश कभी मनाया नही मैंने
क्या बताऊं तुमसे क्या क्या छिपाया है मैंने

@yogeshyogi22390💔💔💔💔
© © @yogeshyogi22390