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मीराबाई
सौंप दियो है खुद को जिसने
कृष्ण के अंतर मन में,
है विलीन वो मोहन में जैसे
एक आत्मा परमात्मा में,
गली गली घूमती ,,कृष्ण के गुड़ गाती वो
संतो के बीच बैठे,,कृष्ण में रंगी रहती वो
कान्हा के प्रीत की लागी ऐसी लगन है,
कि मीरा रानी से बनी जो जोगन हैं
वो मीराबाई हैं।।
कृष्ण के अंतर मन में,
है विलीन वो मोहन में जैसे
एक आत्मा परमात्मा में,
गली गली घूमती ,,कृष्ण के गुड़ गाती वो
संतो के बीच बैठे,,कृष्ण में रंगी रहती वो
कान्हा के प्रीत की लागी ऐसी लगन है,
कि मीरा रानी से बनी जो जोगन हैं
वो मीराबाई हैं।।
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