श्मशान 😐
एक सवाल जिससे मैं अब तक समझ नहीं पाया
....सवाल ये कि ....
स्त्रियां श्मशान घाट क्यों नहीं जाती है,,या जा सकती है ,,,
जीवन सा सफर शुरू जहां से भी हुआ हो
आखिरी सफर वही तय करना होता है
यही बात हमें सिखाई गई
फिर क्यों उन्हें वहां जाने से मनाही हो गई
जब वहां जाना प्रथा के विरुद्ध है
तो फिर उनके आखिर वक्त में वहां क्यों जलाई गई
जीते जी उन पे जहां पाबंदियां लगाई गई
उन्हें एक दहलीज में रहना सिखाई गई
तो क्यों नहीं उन्हें उन्हीं के
दहलीज की चौखट पर उनकी चिता जलाई गई
एक पूरा जीवन गुजर दिया
जिस घर में...
....सवाल ये कि ....
स्त्रियां श्मशान घाट क्यों नहीं जाती है,,या जा सकती है ,,,
जीवन सा सफर शुरू जहां से भी हुआ हो
आखिरी सफर वही तय करना होता है
यही बात हमें सिखाई गई
फिर क्यों उन्हें वहां जाने से मनाही हो गई
जब वहां जाना प्रथा के विरुद्ध है
तो फिर उनके आखिर वक्त में वहां क्यों जलाई गई
जीते जी उन पे जहां पाबंदियां लगाई गई
उन्हें एक दहलीज में रहना सिखाई गई
तो क्यों नहीं उन्हें उन्हीं के
दहलीज की चौखट पर उनकी चिता जलाई गई
एक पूरा जीवन गुजर दिया
जिस घर में...