...

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एहसास
रिमझिम बरसात हो,
तुम और मैं साथ हो,
कुछ तो तराने हो,
कुछ किस्से पुराने हो,

हाथों में हाथ हो,
आँखों आँखों में बात हो,
संग जीने मरने की कसमे हो ,
दुनिया की ना कोई रस्मे हो,


ख्वाब कैसे-कैसे बुंता है ये मन
एक तेरे साथ को, हर पल तरसता है ये मन
कैसे कहें तुमसे के आ जाओ
तुम बिन कुछ है तो बस अधूरापन

© AB14