...

5 views

रोज़ाना
रोज़ाना राह तकता हूँ की निकलेगा सूरज
रोज़ाना राह तकता हूँ की कटेगी ये रात
बोझिल ज़िस्म थकी रूह इंतज़ार करती है
रोज़ाना की पल भर की नींद तो आएगी
आती है के मद्धिम सी और दूर से निकल जाती है
रोज़ाना टकटकी लगाये बैठा रहता हूँ
सफ़र ये रात का कटता नहीं यादों का
रोज़ाना ख़ुद से बातें किया करता हूँ
कर दूँ तुझको आज़ाद मुझसे ये अक्सर सोचता हूँ
पर कर नहीं पाता जुदा तेरे ना होने का एहसास रोज़ाना
© 𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕨𝕒𝕥 𝔻𝕨𝕚𝕧𝕖𝕕𝕚