शादी "एक बंधन"
पर्वतों ने सर झुका दिया
देख उसकी दृढ़ता
हवा ने भी रुख बदल लिया
नाप उसकी चंचलता
एक कठोर चट्टान की तरह
वह बढ़ी जा रही थी
"वह नदी ही तो थी "
सागर से मिलन की आस में
बहती हुई...
देख उसकी दृढ़ता
हवा ने भी रुख बदल लिया
नाप उसकी चंचलता
एक कठोर चट्टान की तरह
वह बढ़ी जा रही थी
"वह नदी ही तो थी "
सागर से मिलन की आस में
बहती हुई...