...

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!! कहानी !!
विचारों की भी
अजब दुनिया है
ना जाने ज़माना भी
क्या क्या सोच लेता है
जैसे मेरी कहानी कुछ और थी
और किस्से मेरे कुछ और थे
तुमने ना जाने क़्या क़्या सपने बुने
और मेरा दिल मेरा ना रहा
प्यार के चर्चे हमारे
फिर फ़साने अफसाने बन गये
मगर सच्ची कहानी
अनकही अनसुनी
अनजानी ही रह गई
हमेशा हमेशा के लिए
समय क़े अंतहीन सफ़र में.......
© राजेश पंचबुधे