...

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"मेरे साजन "
मेरे जीवन की अनिश प्रयोजनीय हो तुम
नयनों की ज्योति और रजनी सा काजल हो तुम।

कभी माथे का सिंदूर तो पांवों में सजी लाली हो तुम।
हाथों की मेहंदी,तो हया से भरी कपोलों की रक्तिमा हो तुम।

मेरे कुंतल में सजे पुष्पों की महक से सुगंधित
मानक हो तुम
तो मेरे आंचल की छाया में सज्जित मेरे प्रेम पाश
का कारण हो तुम।

तुमको पाकर मैं धन्य हुई,जो ईश्वरत्व वरदान हो तुम
तुम्हारे ही कारण और तुम्हीं से मैं पूर्ण हुई के‌ मेरे साजन हो तुम।


© Deepa🌿💙