...

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"अनकही बात, प्यार के साथ"
दूर भी रहना है पास भी जाना है,
हे खुदा ! चैन में बेचैनी को भी पाना है?,😀

कि अब !बात नहीं करनी पर बात उसी की करनी है भूल कर भी याद उसी को करना है।

दोस्त को कहती हूं वो कौन है मेरा
खुद को कहती हू वो सब कुछ है मेरा
सोचती हूं अब बात नहीं करूगी उसे याद नहीं करूंगी
दिल हंसता हुआ कहता है ये करके तो दिखा बिना उसके हंसकर तो बता
अरे कुछ टाइम तो हुआ मिले यह होंठ मेरे कैसे सिले???
आंखों की चमक कहां गई बातों की चहक भी खो गई
वह मुझ पर हंसता है मैं खुद पर रोती हूं दिल के हाथों ही दिल को खोती हू
बस थोड़ी देर की कशमकश है फोन आने पर सब कुछ खत्म है, 🤭🤭😀
दीदार का शौक नहीं बातों का मल हम है।

जले पर किसी ने पानी डाला है तुम्हारी बातों ने मुझे संभाला है
एक मैसेज जो दिखता है अजीब सी मुस्कुराहट आती है, ऐसी तो नहीं थी यह कह कर मुझे सताती है
इतना बोलने वाली लड़की बिल्कुल चुप हो जाती है सिर्फ उनको सुनने के लिए गर्दन हिलाती है
संतुलित शब्दों में अपनी बात कहती है कहीं उन्हें बुरा ना लगे इसलिए चुप ही रहती है

प्यार की आदत नहीं मुझे इसीलिए डरती हूं अब दूर ही रहू यही बात समझती हू

बड़ी लालची हो गई हूं ? भगवान के आगे बोलती हूं मैसेज का सिलसिला यूं ही चलता रहे कभी-कभी कानों को उनकी आवाज का सुख भी मिलता रहे😂😂🤭🤭