Lockdown
ये कैसा वक़्त,कैसा नज़ारा है
कदम चारदीवारी के अंदर
मन यायावर(आवारा) हुआ जा रहा है।
खूब शौक था आसमान मे उड़ने का
आज वही पंख धरती पर फड़फड़ा रहा है।
सब कुछ ठहरा है,इन्सानो ने इन्सानो पर ही
पहरा लगा डाला है
किसने क्या किया कोई हिसाब नही पुछी जा रही है
क्योंकि...
कदम चारदीवारी के अंदर
मन यायावर(आवारा) हुआ जा रहा है।
खूब शौक था आसमान मे उड़ने का
आज वही पंख धरती पर फड़फड़ा रहा है।
सब कुछ ठहरा है,इन्सानो ने इन्सानो पर ही
पहरा लगा डाला है
किसने क्या किया कोई हिसाब नही पुछी जा रही है
क्योंकि...